पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 17 मई तक किसी केस में गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अल कादिर ट्रस्ट केस में खान को 2 हफ्ते के लिए जमानत देते हुए, 17 मई तक हर केस में गिरफ्तारी से राहत भी दे दी।
दरअसल, खान के वकील ने हाईकोर्ट से कहा कि इमरान को बाहर निकलते ही किसी दूसरे केस में गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके बाद कोर्ट ने 17 मई तक गिरफ्तारी से राहत वाला आदेश जारी किया। लाहौर हाईकोर्ट ने भी खान को (पंजाब प्रांत में) 15 मई तक किसी भी केस में गिरफ्तारी से राहत दे दी।
शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग के दो दौर हुए। इसमें इमरजेंसी लगाने पर विचार हुआ, लेकिन आखिरी फैसला सोमवार के बाद होगा। इस बीच, सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल जमात-ए-इस्लामी के चीफ मौलाना फजल-उर-रहमान ने ऐलान किया कि वो सोमवार से सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे।
शाहबाज बोले- इमरजेंसी के लिए अलग कैबिनेट मीटिंग होगी
इमरान को जमानत से पहले प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पहले दौर की कैबिनेट मीटिंग की। कहा- इमरान खान नियाजी चाहता है कि पाकिस्तान हर सूरत में डिफॉल्ट हो जाए। 1971 में मुल्क दो टुकड़े हुआ था। फिर बेनजीर का कत्ल हुआ। सबको मालूम था कि कौन गुनहगार है। इसके बावजूद फौज के ठिकानों पर हमले नहीं हुए। फिर हमने 9 मई को ये हमले भी देख लिए।
इमरान खान नियाजी अदालतों का कितना लाडला है, जरा गुरुवार का मंजर याद कीजिए। चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान उमर अता बंदियाल ने उससे खुद उठकर कहा- आपको देखकर बहुत खुशी हो रही है। ये हिस्ट्री में कभी नहीं हुआ।
‘जियो न्यूज’ के मुताबिक- कैबिनेट मीटिंग के दौरान कुछ मिनिस्टर्स ने कहा कि मुल्क के हालात देखते हुए अब इमरजेंसी लगा दी जानी चाहिए। इस पर प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा- ये मामला बहुत गंभीर है। इस पर बाद में फैसला करेंगे।