सांकेतिक तस्वीर…
– फोटो : अमर उजाला
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दिवाली की खरीदारी के लिए राजधानी के सभी बाजार सज गए हैं। खरीदारों की भीड़ से बाजारों में रौनक है। दुकानदारों को उम्मीद है कि दो साल से सुस्त पड़े कारोबार को इस साल रफ्तार मिलेगी। दुकानों को रंग- बिरंगी लाइटों व सजावट के सामान से सजा दिया गया है।
सदर बाजार में लोग दिवाली पर घरों के साज-सजावट के सामान की खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। तोरन, लटकन, फूल लड़ी, घंटियां व पोस्टर की खरीदारी अधिक हो रही है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि घर के सजावट का सामान 50 रुपये से लेकर दो हजार से भी अधिक का है। लोग तोरन और लटकन अधिक खरीद रहे हैं।
इसके अलावा दरवाजों पर सजाने के लिए मौजूद विभिन्न सामग्रियां भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है। रंग-बिरंगी लटकनों को बारीकी से कलाकारी कर सजाया गया है। वहीं, कृत्रिम मालाओं को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे देखने में प्राकृतिक की तरह दिख रही हैं।
गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति के कई रेंज
बाजार में गणेश-लक्ष्मी मूर्ति की विभिन्न रेंज की खरीदारी हो रही है। स्थानीय दुकानदार रीना गुप्ता ने कहा कि बीते दो सालों में बाजार में पहली बार अधिक संख्या में लोग पहुंचे हैं। कोरोना के बाद से लगातार काम में मंदी हो गई थी। सुस्त बाजार की वजह से दो सालों में अधिक नुकसान हुआ है। दुकानदार ने बताया कि बाजार में 60 रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक की मूर्तियां उपलब्ध है।
मिट्टी की मूर्तियों को प्राकृतिक रंगों से रंगा गया है। इसमें भी छोटे से लेकर बड़ी मूर्तियां उपलब्ध हैं। वहीं, मिट्टी के अलावा पीतल और चांदी की मूर्तियां भी लोग खरीद रहे हैं। दुकानदार का कहना है कि धातु की मूर्तियों के दाम 300 रुपये से लेकर चार हजार रुपये तक है। इसके अलावा कुबेर की मूर्ति और हटरी की भी खरीदारी हो रही है।
मैजिक रंगोली की धूम
बाजार में इन दिनों मैजिक रंगोली की धूम है। दुकानदार का कहना है कि मैजिक रंगोली में पहले से बनी रंगोली के डिजाइन दिए गए हैं। उपयोगकर्ता को डिजाइन के सांचों में सिर्फ रंगों को भरना है, जिससे रंग- बिरंगी रंगोली बनकर तैयार हो जाएगी। एक डिब्बे में रंगोली के कई डिजाइन को शामिल किया गया है, जिसका दाम 150 रुपये से लेकर 250 रुपये है।
सुरक्षा के नहीं हैं इंतजाम
सदर बाजार में इन दिनों जुटने वाली भीड़ के हिसाब से सुरक्षा के कोई बंदोबस्त नहीं हैं। ऐसे में यहां आने वाले लोगों की जान की सुरक्षा भगवान भरोसे है। बाजार में प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगा था, लेकिन न ही मशीन चालू थी और न ही कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद था। वहीं, बाजार में किसी भी स्थान पर सुरक्षाकर्मी की मौजूदगी नहीं दिखी। यहां तक कि बाजार में नजर रखने के लिए तैयार की गई दो मचान भी खाली दिखी। दोनों मचानों के आसपास भी कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था।