शराब दुकानें बंद कराने सड़कों पर उतरीं महिलाएं, लाड़ली बहना बनाओ ना बनाओ शराब बंद करो, बच्चों को शराब नहीं शिक्षा चाहिए

मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर अब महिलाएं उतरीं सड़कों पर, जगह-जगह शराब के नशे में हो रहीं घटनाओं एवं तेजी से बड़ती नशाखोरी को रोकने के लिए नारी शक्ति अब मैदान में, पर शासन प्रशासन नहीं दे रही ध्यान।

प्रदेश भर में जगह-जगह महिलाओं द्वारा धरना प्रदर्शन किये जाते हैं उनकी मांग है कि शराब बंद होनी चाहिए शासन प्रशासन इस पर सख्ती से कार्रवाई करे क्योंकि आजकल 8 से 10-15 साल तक के बच्चे नशे का शिकार हो रहे हैं, प्रदेश भर में चाहे वह सिगरेट, गुटखा हो शराब हो या अन्य कोई नशा इसके लिए कोई नियम – कानून बने ताकि इसे बच्चे ना खरीद पाएं, क्योंकि बच्चों के हाथ शिक्षा होनी चाहिए शराब नहीं प्रशासन इस पर गौर करे, बस्तियों से दूर शराब दुकानें संचालित हों, अन्यथा बंद करें।

अबैध शराब पर सख्ती से कार्रवाई करें, ताकि आने वाली पीढ़ी इसकी शिकार ना हो।

यहां तक कि महिलाओं का ये भी कहना है हमें लाड़ली बहना का पैसा दो या ना दो पर मोहन यादव बहनों पर तरस करो, शराब दुकानें बंद करो। पैसों से ज्यादा कीमती बच्चों का भविष्य है, आने वाली पीढ़ी को नशे की आग में जलता हुआ कैंसे देख सकते हैं? क्या यही है मोहन सरकार की मध्यप्रदेश को अव्वल बनाने की नीति? आखिर कोई कब तक इन शराब माफियाओं को संरक्षण देता रहेगा, क्या मोहन सरकार इसे रोकने में नाकामयाब है?

ऐसा ही एक मामला दमोह जिले के पटेरा तहसील का सामने आया है जहां महिलाओं ने शराब दुकानें बंद करने के लिए धरना प्रदर्शन किया, नारेबाजी की लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी शासन प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगी जिसके बाद महिलाओं ने चेतावनी देते हुए कहा ‘अगर शासन प्रशासन, जनप्रतिनिधियों ने कोई सपोर्ट नहीं किया और शराबंदी नहीं हुई तो हम लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जायेंगे।

संवाददाता – राजधर अठया।

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Author: anvinews

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