वाणी को बाण मत बनाओ रसीली वाणी बरसाने वाली को भी भाती हैं स्वर्णानंद जी महाराज

अजब धाम में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान व्यास पीठ से स्वामी श्रवणानंद जी महाराज ने अपनी वाणी से कहा कई बार लगता भगवान ज्ञान से मिलते हैं देवकी मां ने कौन सा जाप किया एक व्यक्ति जेल में है हथकड़ियां पड़ी हैं भेड़िया पड़ी हैं सोच आदि क्रियाएं करना भी जैसे कठिन लग रहा वह कौन सा तब करेगा कौन सा भजन करेगा पीड़ा में जब कष्ट की अनुभूति होती है चित्र को लगाना भी चाहो तो चित्र भगवान में नहीं लगता यहा शारीरिक पीड़ा है मानसिक पीड़ा है देवकी के बालको को वह दीवाल में पटकथा था जिसमें दीवाल में खून के धब्बे पड़ जाते थे जिस मां के सामने खून की धब्बे देखे वह कौन सा भजन करेगी कौन सा चिंतन करेगी भगवान तो केवल करुणा के होते हैं भगवान का अवतार करुणा के लिए है नंद बाबा यशोदा को पता नहीं कि उनके घर में भगवान आ गए हैं नंद बाबा को पता नहीं कि यह भगवान है हां इतना जरूर पता कि यह हमारे हैं गोपियों को यह पता नहीं की कृष्णा भगवान है उनको तो वह सुंदर लगते हैं आकर्षक लगते हैं उनका मंद मंद मुस्कुराना उनको सोने नहीं देता नंद बाबा उधर से कहते हैं कि हमारा प्रेम कृष्ण के प्रति बना रहे कोई राम को स्वामी मानता है कोई राम को शाखा मानता है उनकी प्रति उनका विशाल प्रेम देखने को मिलता महाराज जी ने कहा वह राम की सेवा के उनके उपासक एवं हनुमान जी के उपासक रहे हैं हमें भगवान से प्रीति रखना चाहिए अपने आचार्य संप्रदाय का त्याग नहीं करना चाहिए नंद बाबा समाज के मुखिया थे उन्होंने भगवान का संस्कार किया बाहर से तो हम उन्नत हैं लेकिन अंदर से कंगाल हैं हमें संस्कारवान रहना चाहिए देखा जा रहा है हम संस्कार विहीन होते जा रहे हैं हम अपने अंदर की सफाई नहीं कर पा रहे हमारी कथन एवं करनी में अंतर नजर आ रहा है भगवान का नामकरण किया गया उन्होंने कहा कि हमें सब का भला सोचकर चलना चाहिए ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाना चाहिए किसी का सम्मान करने में कंजूसी नहीं करना चाहिए रसीली भाषा का प्रयोग करना चाहिए जो रस आता है वह बरसाने वाली को भाता है वाणी को बाण मत बनाओ बनी हमेशा रसीली होनी चाहिए जिससे दूसरों को दुख न पहुंचे हमें गुरु का सम्मान करना चाहिए उनके बताएं रास्ते पर चलना चाहिए जिससे हमारा कल्याण हो सके इस मौके पर यजमान सहित हजारों संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे

अजब धाम फतेहपुर से शिवांक तिवारी दमो

संवाददाता शिवांक तिवारी

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Author: anvinews

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