जानिए दृष्टि IAS Coaching के बारे में क्या कहते हैं छात्र

अभ्यार्थियों के अनेक संदेशों और अनुरोधों के बाद हमारी टीम ने दृष्टि IAS Coaching के रिव्यू का निर्णय लिया। सोशल मीडिया सहित यह कोचिंग दिल्ली, जयपुर, लखनऊ और प्रयागराज से संचालित हो रही है। हमारी टीम ने बारी-बारी इन सभी शहरों में जाकर वहां अध्ययन कर रहे छात्रों से जानकारी जुटाई है। इस लेख में अध्ययन की गई जानकारियों के विश्लेषण का निष्कर्ष साझा किया जा रहा है।

जानकारी साझा करने से पूर्व स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि ये जानकारियां निम्न आधारों पर जुटाई गई हैं-

  • अध्यापकों के बारे में
  • अध्ययन सामग्री के बारे में
  • मूल्यांकन व्यवस्था के बारे में
  • प्रबंधन के बारे में, आदि

अभ्यर्थियों से बात करने पर कुछ बाते सामने आई हैं-

अध्यापकों के बारे में जानकारी:

  • इस कोचिंग की शुरुआत से लेकर लम्बे समय तक पढ़ाने वाले लगभग सभी अनुभवी अध्यापक कोचिंग छोड़ चुकें हैं।

    अनुभवी अध्यापक, जो दृष्टि IAS छोड़ चुके हैं-

  1. श्री अखिल मूर्ति (भारतीय इतिहास कला एवं संस्कृति)
  2. श्री ए. के. अरुण (भारतीय अर्थव्यवस्था)
  3. श्री कुमार गौरव (भूगोल एवं पर्यावरण)
  4. श्री राजेश मिश्रा (भारतीय राजव्यवस्था एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
  5. श्री रितेश जायसवाल (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) आदि

(नोट: उपर्युक्त सभी अध्यापक वर्तमान में संस्कृति IAS कोचिंग में पढ़ाते हैं)

  • ऐसी भी जानकारी प्राप्त हुई है कि दृष्टि IAS कोचिंग में एडमिशन लेते समय अध्यापकों की जानकारी नहीं दी जाती है। यह बात साबित भी हुई जब हमारी टीम ने भी सभी शहरों में किए गए अध्ययन के दौरान होल्डिंग, पोस्टर, कोचिंग आदि कहीं भी अध्यापकों की जानकारी नहीं मिली।
  • अभ्यर्थियों ने बताया कि अधिकांशतः यहाँ नए-नए और गैर अनुभवी अध्यापकों से अध्यापन करा दिया जाता है।
  • यहाँ तक कि विकास दिव्यकीर्ति के नाम से पहचानी जाने वाली दृष्टि कोचिंग में वह स्वयं नहीं पढ़ाते हैं। इनकी बहुत लम्बे समय पहले रिकॉर्ड की गई कक्षाएं अभ्यर्थियों को उपलब्ध करा दी जाती हैं। यानी विकास सर अब पढ़ाते नहीं बल्कि पढ़वाते हैं।

अध्ययन सामग्री के बारे में छात्रों की राय:

  • इस कोचिंग की अध्ययन सामग्री जिन अध्यापकों द्वारा तैयार की गई थी वह अब इस कोचिन में नहीं हैं। इन अध्यापकों के दृष्टि IAS कोचिंग छोड़ने के बाद उपलब्ध कराई जा रही अध्ययन सामग्री को अब तक अपडेट नहीं किया गया है, जबकि UPSC परीक्षा समसामयिक और अपडेट जानकारियों की अपेक्षा रखती है।

मूल्यांकन व्यवस्था से जुड़ी जानकारी:

यहाँ होने वाले क्लास टेस्ट समसामयिक जानकारियों से जुड़े नहीं होते हैं। बहुत पहले से बने-बनाए समान टेस्ट प्रत्येक बैच में आयोजित करा दिए जाते हैं। लगभग यही टेस्ट सीरीज के हाल हैं। यानी यहाँ अध्ययन का सटीक मूल्यांकन संदेह भरा रहता है।

प्रबंधन के बारे में जानकारी:

  • कुछ चीजों को छोड़ दें तो यहाँ का प्रबंधन भी प्रभावी नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहाँ अध्यापक-अभ्यर्थी संवाद(बात-चीत) असंभव सा है।
  • अभ्यर्थियों ने बताया कि यह संस्था मूल काम से हटकर अभ्यर्थियों को आकर्षित करने के लिए दिखने-दिखाने पर बल देती है।

अध्ययन में निकले निष्कर्ष चौकाने वाले हैं ग्रामीण पृष्ठभूमि के अभ्यर्थियों के माता-पिता की जीवन भर की कमाई को एक मुश्त लेकर व्यवसायिकता में डूबे यह संस्थान उनके अधिकारी बनने के सपने को कुचल रहे हैं। अभ्यर्थियों से निवेदन है कि किसी भी कोचिंग संस्था में एडमिशन लेते समय कोचिंग के बारे में जानकारी जुटाएं, ट्रायल/डेमो क्लास अवश्य करें। यदि आप हिन्दी माध्यम में तैयारी करना चाहते हैं तो आपके लिए सलाह है कि संस्कृति IAS कोचिंग अवश्य विजिट करें।

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Author: anvinews

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