छतरपुर। बिजावर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मोतीगढ़ इन दिनों अपने भ्रष्टाचार के लिए सुर्खियों में बनी हुई है यहां जिस तरह से भ्रष्टाचार किया जा रहा है वह आम जनता की सोच से परे है ज्ञात हो कि वर्ष 2019-20 में हितैषी खेत तालाब निर्माण कार्य मुरलीधर पिता नबला अहिरवार के नाम से स्वीकृत हुआ था जिसका भुगतान पूर्व में किया जा चुका था जिसकी राशि 83336 रुपए हितग्राही ने प्राप्त की थी वहीं वर्तमान समय में उसी हितग्राही के नाम पर पुनः हितैसी मत्स्य पालन तालाब स्वीकृत किया गया है जो शासन के नियमों के विरुद्ध है जिसका भुगतान 47736 रुपए कर दिया गया है विदित हो कि शासन प्रशासन की योजनाएं उन सभी लोगों के लिए होती हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं ऐसे में सरपंच और सचिव के मनमाने रवैये से ग्राम पंचायत में इस तरह की विसंगतियां बन रही है। अब सोचने वाली बातें यह है कि पंचायत अधिकारी जो भ्रष्टाचार करते आम लोगों को दिखाई देते हैं वह संबंधित अधिकारियों को क्यों नहीं दिखाई दे रहे है क्या अधिकारियों की भी इसमें कोई मूक सहमति है यह विचारणीय पहलू है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व में जो हितैषी खेत तालाब स्वीकृत किया गया था उस समय हितग्राही का पुत्र ही ग्राम पंचायत मोतीगढ़ में ग्राम रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ था जिसका फायदा लेकर पुत्र ने अपने पिता के नाम पर हितैषी खेत तालाब स्वीकृत कर दिया था और अब पूर्व ग्राम रोजगार सहायक के पिता को उसी के इशारे पर पुनः हितैसी मत्स्य पालन तालाब स्वीकृत करवाकर लाभ दिलाया जा रहा है जो न्याय उचित नहीं है। उक्त मामले पर अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए और कार्यवाही करनी चाहिए जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ाना ना मिले।
इनका कहना – पिछली बार दिए गए हैं हितैसी खेत तालाब की कोई जानकारी नहीं है कब दिया गया था और मै मैने उसका भुगतान भी नहीं किया है।
सरपंच
ग्राम पंचायत मोतीगढ़
इनका कहना – ग्राम पंचायतो के कार्य है चलते रहते है ग्रामीणों के कार्य हैं ग्राम पंचायत में इस प्रकार कार्य होते रहते हैं आप लोग जानते हैं एक बार, दो बार, तीन बार सब चलता है और अगर दूसरी बार लाभ दे दिया तो कोई समस्या है क्या?
कुंजीलाल पाठक सचिव
ग्राम पंचायत मोतीगढ़
इनका कहना – दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु व्यस्त होने के कारण कॉल रिसीव नहीं किया, ना ही वापिस करना उचित समझा।
अंजना नागर
जनपद पंचायत सीईओ बिजावर
छतरपुर ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट