लोगो नें घरों में श्रृद्धा-भाव से की गोवर्धन पूजा
हटा / इस बार दिवाली दो दिन मनाई गई है ऐसे में गोवर्धन पूजा आज शनिवार को अधिकांष घरो में सपन्न हुई। इस बार दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया गया जिसके बाद गोवर्धन पूजा का पर्व आता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है जो दिवाली के अगले
दिन पड़ती है। हालांकि दो तिथियो में दीपावली की पूजा होनें पर कहीं-कहीं 01 नवंबर को ही लोगो द्वारा गोवर्धन की पूजा अपने घरो में सपन्न की। वहीं ग्रामीण क्षेत्रो में आज गोवर्धन पूजा विधि विधान से सपन्न की गई। मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन पूजा पर गाय, भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा का विशेष महत्व है। घरों में
अन्नकूट का भोग लगाया जाता है गोवर्धन की पूजा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। इस दिन गाय के साथ दो चार कदम चलने से धन, वंश और शौर्य की वृद्धि होती है। मंदिरो में देखने मिली मोनिया नृत्य परम्परा के रंग
नगर हटा में दीपावली के दूसरे दिन परम्परा के विभिन्न रंग देखने मिले जहां देव
श्रीश्री 1008 श्री गौरीशंकर मंदिर स्थित मां पीताम्बरा पीठ के दरबार एवं मां चंडी के दरबार में मोनिया ग्वाल नृत्य देखने मिला। जहां बुन्देलखंड के दूर-दराज ग्रामों से पहुंचे सैकड़े लोगो ने यहाँ पहुंचकर पूजा अर्चना की इसके उपरांत ग्वाल नृत्य कर पुण्य लाभ उठाया। मोनिया नृत्य की परंपरा अनुसार ग्वाल टोली में शामिल लोगो द्वारा बताया कि वह सभी लोग भगवान श्री कृष्ण
की पूजा के साथ ही गोवर्धन पूजा करते है एवं लगातार पर्व के उपलक्ष्य में ग्वाल नृत्य कर भगवान के प्रति श्रद्धा को पेश करते है एवं इस परंपरा में सुबह से मौन व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर व्रत को तोड़ते है एवं भगवान के समक्ष नृत्य कर भक्ति में लीन होकर पुण्य अर्जित करते है जिससे बर्ष भर हमारे परिवार समाज में सुख समृद्धि बनी रहें।