महमूदाबाद तहसील इलाके के कंपोजिट विद्यालय तुरसेना का एक मामला प्रकाश में आया है।जहाँ पर कुछ महिला
शिक्षिकाओं के द्वारा नाबालिक बच्चियों को उकसाकर शिक्षा मित्र और सहायक अध्यापक पर अभद्रता करने का आरोप लगाया। विद्या प्रसाद पुत्र राम अधार ग्राम महमदपुर मजरे तुरसेना विकास खण्ड पहला जनपद सीतापुर द्वारा मीडिया से जानकारी देते हुए पूरी घटना का जिक्र करते हुए कहा है| कि मेरी पुत्री ग्राम पंचायत में स्थित कम्पोजिट विद्यालय तुरसेना में पढ़ने जाती है। विद्यालय में कार्यरत कुछ महिला शिक्षिकाओं ने जैसे कि स्वेता शुक्ला, अनपमा डेविड, ममता यादव, आकांक्षा सक्सेना,आदि ने एक राय होते हुए लामबंद होकर अपनी ब्यक्तिगत खुन्नस निकालने के लिए विद्यालय में अध्ययनरत कई बालिकाओं को उकसाया गया। सभी बालिकाओं को विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों पर अश्लील हरकते करने, बैडटच, अभद्रता का झूठा आरोप लगाने के लिए डराया धमकाया तथा लालच भी दिया |लेकिन नाबालिग बालिकाएं शिक्षिकाओं से डर गयीं, शिक्षिकाओं के द्वारा बताई गई बातों को अपने घर में बता दिया।जिससे परिजन लोकलाज एवं बालिकाओं के साथ अभद्रता की बात से अभिभावकों में रोष आ गया। मामला इतना ही नहीं हुआ बल्कि सूत्रों ने जानकारी दी कि 2 दिन पहले खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालय पहुँचे थे। और जाँच के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई जैसे ही ग्रामीण एकत्र हुए तो खंड शिक्षा अधिकारी भी उनकी एक बात भी नही सुनी। और अपनी गाड़ी में बैठ कर रफूचक्कर हो गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 2 महिला शिक्षिकाएं विद्यालय को महीने में एक आध दिन ही आती हैं। कहीं ऐसा तो नहीं खण्ड शिक्षा अधिकारी को लेनदेन की बात तो नहीं। लेकिन ग्रामीणों ने अगले दिन स्कूल पहुंचकर पता किया कि विद्यालय की शिक्षिकाओं ने शिक्षक मर्यादा को ताख पर रखकर अबोध बच्चों को ऐसी गन्दी बातें क्यों सिखा रही है। कि विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापक सुनील कुमार एंव शिक्षामित्र राजकुमार समय से आते हैं। एवं मेहनत से शिक्षण कार्य करते हैं। किन्तु विद्यालय में कार्यरत उपरोक्त शिक्षिकाएं अक्सर विद्यालय से गायब रहती हैं। एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत व आपसी तालमेल के चलते एक दूसरे के हस्ताक्षर बना लेती है। विद्यालय में उपस्थित तमाम अभिभावकों एवं मीडिया के सामने इन शिक्षिकाओं की गन्दी मानसिकता जैसी करतूत का राजफाश हो गया है। शिक्षक जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनात इन शिक्षिकाओं के इस घृणित कृत्य से अभिभावकों में काफी रोष व्याप्त है। परिजन बच्चों के भविष्य को लेकर चिन्तित हैं | शिक्षामित्र राजकुमार व सहायक अध्यापक सुनील कुमार की छवि खराब करने तथा नौकरी पर संकट उत्पन्न करने की नियति से शिक्षिकाओं ने अबोध बच्चों को ढाल बनाया गया, जोकि बाल अधिकारों, शिक्षा का अधिकार अधिनियम व बाल संरक्षण नियमों का खुला उल्लंघन है | इस कुकृत्य के बाद अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से डर रहे हैं | इन शिक्षिकाओं ने शिक्षक छात्र मर्यादा को तार तार करने व अबोध बच्चों को समाज में बदनाम करने, अनैतिक ब्यवहार करने के प्रति उकसाने का जघन्य अपराध किया है |ऐसी हरकत को देखकर सैकड़ों ग्रामीणों के द्वारा विद्यालय को घेराव किया गया। जिससे ग्रामीणों के द्वारा काफी हंगामा किया गया।लेकिन मामले को शांत कराने के लिये कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं
आया।काफी देर तक ग्रामीणों का हंगामा चलता रहा, इसकी सूचना जैसे ही सिरौली चौकी इंचार्ज को हुई तो वह आनन फानन में मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझाते हुए आश्वासन दिया कि जाँच करके उचित कार्यवाही की जाएगी।
*क्या बोले खंड शिक्षा अधिकारी*
इस प्रकरण में हम किसी प्रकार की टिप्पणी करना नही चाहते है अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या खंड शिक्षा अधिकारी मोटी रकम लेकर मामले को तबाने की प्रक्रिया शुरू कर चुके है?जो ऐसे बोल रहे हैं। इसके बाद जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सी यू जी नम्बर पर फोन लगाया गया तो फोन नहीं उठाया।
अब देखना यह है कि शिक्षा के मंदिर में शिक्षण कार्य कर रही महिला शिक्षिकाओं के द्वारा दलित वर्ग की नाबालिक छात्राओं को क्यों उकसाया गया? क्या इन शिक्षिकाओं पर प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही की जाएगी?
संवाददाता:रामप्रकाश सीतापुर