दमोह के हटा में टी आई मनीष मिश्रा के निर्देशन में सज्जन को छेड़ो बुरे को छोड़ो का नारा कई लोगों से मिल सूत्रों की मानें तो हटा में टी आई मनीष मिश्रा के आते ही बदमाश बेखौफ हो गए थे जुआ खेलना नशा करना और सज्जन लोगों को पुलिस का परेशान करना संगठनों को फर्जी कहना 420 केश में फसाने का एजेंडा लोगों डरा धमकाकर पैसे वसूल करना आम बात हो गई थी एसडीओपी एसडीएम को छोड़कर कर जातीय समीकरण के चलते मनीष मिश्रा को बर्दी का दुरूपयोग करना आम हो गया था क्योंकि एसपी सुनील तिवारी और हटा टी आई मनीष मिश्रा के बीच आपसी अच्छे संबंध की भी अहम भूमिका रही हैं इनके द्वारा न एसडीओपी न एसडीएम से पूंछा जाता था डायरेक्ट एसपी से बात की जाती रही हैं अब देखना होगा जाति बाद की प्रथा दमोह जिले में कब तक चलती हैं एक तरफ अदालतें कह रही हैं जाति न लिखी जाएं जाति बाद न कोई कर पाएं वहीं मनीष मिश्रा जैंसे जातीवादी लोगों को एसपी सुनील तिवारी का अच्छा खासा संरक्षण रहा हैं और अब देखना होगा टीकमगढ़ मनीष मिश्रा जाकर क्या करते है और सरकार कानून की धज्जियां उड़ाने वाले बर्दी की आड़ में खुद को जज जो समझ लेते हैं उन पर कार्यवाही करती हैं या दमोह एसपी सुनील तिवारी मनीष मिश्रा की ओर से करते हैं बचाव यह आने वाले समय में सभी को देखने को मिलेगा क्या एमपी की मोहन सरकार ऐसे लोगों को और जाती वादी सोच को बढ़ावा देती हैं
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