बेजुबान पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए मानवता और पर्यावरण संरक्षण का अनूठा संगम आज एक बार फिर देखने को मिला, जब केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक ने शिक्षकों की टीम के साथ मिलकर “परिंडा अभियान” की शुरुआत की। यह अभियान पिछले 4 वर्षों से लगातार संजय जैन, शिक्षक के नेतृत्व में सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है।
इस बार यह अभियान केंद्रीय मंत्री के बंगले से शुभारंभ हुआ, जहाँ मंत्री डॉ. खटीक ने स्वयं अपने हाथों से पेड़ों पर मिट्टी के परिंदे (कटोरे) टांगे, जिनमें पक्षियों के लिए पानी भरा गया। इस प्रेरणादायक पहल में शिक्षकों की समर्पित टीम भी शामिल रही, जिन्होंने शहर के विभिन्न हिस्सों में पेड़ों पर सैकड़ों परिंदे लगाए।
डॉ. खटीक ने इस अवसर पर कहा, “गर्मियों में जब हम सब शीतल जल की तलाश में रहते हैं, तब यह ज़िम्मेदारी हमारी बनती है कि उन पक्षियों का भी ध्यान रखें जो बोल नहीं सकते लेकिन महसूस करते हैं। शिक्षकों की यह मुहिम सराहनीय है और हम सभी को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।”
संजय जैन ने बताया कि यह सिर्फ एक अभियान नहीं बल्कि एक संवेदनशील सोच है, जो समाज को प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व का एहसास कराती है।
“जहाँ-जहाँ पेड़, वहाँ-वहाँ परिंडा” — इस सोच के साथ यह अभियान न सिर्फ पक्षियों की प्यास बुझा रहा है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रकृति प्रेम का सच्चा संदेश दे रहा है।
संवाददाता अलीम खान